धरती का वह बिंदु जहां की मिट्टी वनस्पति और अन्य जीव जन्तु के अतिरिक्त अपने गर्भ से मानव जाति को भी जन्म दिया है ।
क्या आपको आश्चर्य हो रहा है ?
क्या आप इसे हास्यास्पद कहानी या अतिश्योक्ति समझ रहे हैं ?
आपके मनोस्थिति में स्पष्ट मिश्रण हो गया होगा की आखिर पेड़ पौधे का जन्म व कुछ कीट आदि जीव का जन्म मृदा में संभव है किन्तु मानव जीवन का जन्म मानवीय गर्भ के अतिरिक्त भला और कहीं से कैसे संभव है ?
स्वाभाविक है ! अब तक विज्ञान क्लोनिंग, टेस्ट ट्यूब बेबी आदि तकनीक को इजात कर गर्भ से बाहर भी बच्चों को जन्म देने में सफल हुए, किंतु फिर भी भला धरती का कोई बिंदु ऐ, ऐसा हो सकता है कि मानव नवजात शिशु को जन्म दे, वो भी पूर्ण प्रसव प्रक्रिया द्वारा ?देशवासियों
जी हां आप सत्य को स्वीकार करेंगे, जब रामायण कालीन घटनाओं का अवलोकन करेंगे तो पाएंगे कि, धरती का वह बिंदु जो पूर्ण रुपेण जीवित बच्ची को जन्म दिया वह और कहीं नहीं, सिर्फ वर्तमान भारतीय भूखंड के बिहार प्रदेश के सीतामढ़ी जिले में जिला मुख्यालय से महज़ लगभग पांच किलोमीटर पश्चिम स्थित पुनौरा गांव, जहां पर हजारों वर्ष पूर्व विदेह के राजा शिरध्वज थे, जिसे जनक नाम से भी जाना जाता था, राज्य में अकाल पड़ने के कारण ज्योतिष और अपने दरबारी पंडितों से से समाधान पुछे तो , समाधान स्वरूप राजा जनक के मजदूर की भांति हल चलाने से क्षेत्र का अकाल खत्म हो जाएगा ,राजा जनक प्रजापालक थे अतः उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार कर हल चलाने चल दिए, हल चलाने के क्रम में पुनौरा गांव के निकट हल के अगले हिस्से से अचानक रक्तपात का अनुभव हुआ जो ठीक वैसे ही था जैसे आधुनिक सिजेरियन डिलिवरी में पेट का आपरेशन किया जा रहा हो ,,,,, उसे राजा जनक के आदेश पर सावधानी पूर्वक साफ किया गया तो उस रक्त लथपथ भूमि के भीतर से स्त्री गर्भ के सदृश स्थिति में बच्चा मिला जो न तो भूमि के भीतर घड़ी दो घड़ी पहले उस विरान क्षेत्र में कोई गढ्ढे में रखकर गया हो सकता था और न ही उस विरान बंजर भूमि के उपर पाया गया था जिससे किसी का फेंका हुआ बच्चा मान लिया जाता , वह तो धरती के गर्भ से जन्म ले चुकी भूमि कन्या सीता थी जो साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा भगवती और श्री विष्णु प्रिया थी, जिसके बाद की कथा आप सभी को पता ही है , जैसे जैसे मौका मिला मैं इनके विषय में नया पुराना बात बताते रहुंगा आशा है आप हमारे इस प्रयास को सराहेंगे ताकि सुगमदर्शन: लेखकों का अखाड़ा जिस विचार को जन्म देने को तैयार किया गया है, वह विचार सफलतापूर्वक समाज को सदैव नई जागृति प्रदान करे ।
धन्यवाद, गोपाल कुमार +919795261267
निर्मानाधीन यह शिव मंदिर आपके सहयोग के प्रतीक्षा में है अतः अपना सहयोग अवश्य करें 🙏
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जय श्री राम , हर हर महादेव
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