संभवतः इससे बेहतर सुझाव मिथिला राज्य निर्माण को सफल बनाने हेतु कोई हो ही नहीं सकता है।
आदिकाल से जीवंत पृथ्वी पर गिने चुने संस्कृतियों में से एक ही मैथिल संस्कृति, जिसका नींव रामायण काल में पड़ा तथा इस सांस्कृतिक विरासत का अधिष्ठात्री देवी जगत जननी जनक नंदिनी भूमि कन्या सीता है और दुर्भाग्यवश मध्यकालीन भारत में बौद्ध धर्म का उदय और कालांतर में मुग़ल शासक और फिर अंग्रेजी हुकूमत का दौर चला जिसमें मैथिली समुदाय अपने अधिष्ठात्री देवी सीता को ही नजरअंदाज कर दिया अनदेखा कर दिया अवहेलना कर दिया उपेक्षा कर दिया और इस वर्तमान जीवित सांस्कृतिक विरासत को निष्प्रभावी बना चुके लोग अब भी नहीं संभले तो सदा के लिए खत्म हो जाएगी ऐ अनमोल संस्कृति, जिसका श्रेय राजनैतिक दृष्टिकोण से सक्रिय भूमिका निभाने वाले मिथिला क्षेत्र के ही दरभंगा मधुबनी के लोगों को जाता है।
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