"sugamdarsion: arenas of writers" अर्थात लेखकों के अखाड़ा के रूप में प्रतिष्ठित आपका "विचार दर्शन " जिंसे आप #सुगमदर्शन के नाम से जानते हैं, साथियों सुगमदर्शन रातों-रात तामझाम खड़ा करके प्रसिद्धि पाने व स्टैंट नहीं है जिसके चलते आपको इसका कोई स्थिर प्रारुप प्राप्त हो ,अपितु अथाह सागर जैसे विचार का समुच्चय है जिसके गति व स्थिति दोनों एक सामान्य जनजीवन के लिए अबूझमाड़ की जंगलों की भांति भूल-भुलैया जैसा है किंतु उसी जंगल से प्राप्त वन संपदा उसी जनसामान्य के लिए जीवनदायिनी सिद्ध होने में संदेह नहीं
बुधवार, 31 अगस्त 2022
#जनकप्रदेश
शुक्रवार, 10 सितंबर 2021
#सुगमदर्शन//#आलोचनावाद (Critical Philosophy)
बुधवार, 8 सितंबर 2021
सुगमदर्शन: लेखकों का अखाड़ा
गुरुवार, 2 सितंबर 2021
न्याय-दर्शन
न तो इसपर बोल सकता हूं और चुपचाप देखता हूं तो अन्याय होगा ,,,,,,,,,,,, बेहतर है न्याय व्यवस्था स्वयंभू बनते हुए खुद का समीक्षा करें और लोकतंत्र में सर्वोपरि "लोक" अर्थात नागरिकों का इकाई है अतः न्याय विभाग को "समर्पित सेवा" बना कर नागरिकों के इकाईयों अर्थात "लोक" को अर्पित करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करें 🙏
बुधवार, 1 सितंबर 2021
सुगमदर्शन: लेखकों का अखाड़ा
#Janakprades
Welcome to #Sitamarhi, the Indian capital of #Janakpradesh. Friends, JanakPradesh is known as Videh, another name became popular...

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....... कोशिश जारी है , सुगमदर्शन :लेखकों का अखाड़ा अब दृश्य रुप में भी मिलेगा ।। जल्द विडियो भी मिल सकता है।। ...... आपको तय ...
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न्यायपालिका से कार्यपालिका को चिठ्ठी आईं हैं क्या ? प्रयागराज उच्च न्यायालय के जस्टिस रंगनाथ पांडेय जी का प्रधानमंत्री जी को पत्...
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इमानुएल कांट , दार्शनिक (भाग 01 जीवन परिचय) ...........................सोलहवीं शताब्दी में जब मार्टिन लूथर के नेतृत्व में जर्मन...